ये लाल रंग अब नहीं छोड़ेगा --------------

शुक्रवार, मार्च 18 By मनवा , In




 रंगों  के मौसम  में आप  सभी  को मनवा  की और से बहुत ही रंग भरी , गुलाल भरी  शुभकामनाएं - आप सभी के जीवन में हमेशा  रंगों का  मौसम  रहे कोई रंग  कभी भूल से भी ना उड़े  ऐसी  कामना  है
दोस्तों  हम सभी बहुत ही भाग्यशाली  हैं  जो हमने  ऐसे देश में जनम  लिया जहां अपने भावों , संवेदनाओं ,प्रेम  स्नेह  आत्मीयता  ख़ुशी और उल्लास  को व्यक्त  करने के लिए अनगिनत  त्यौहार  मनाये जाते हैं दूसरे  शब्दों  में कहूँ तो  हम इन त्यौहारों के बहाने अपने रिश्तों को  और प्रगाढ़ और गहरा और इक दम  नया  कर लेते हैं  चाहे वो राखी , दिवाली या होली हो हम खुश होते है खुश करते है  और गम को बाहर  का रास्ता  दिखा  देते  हैं ऐसी  विशेषता  और किसी  देश  की मिट्टी  में नहीं है  दोस्तों तो चलिए होलिका दहन के दिन हम अपनी सभी कमजोरियों , कुंठाओं , कमतरी विकारों  को अग्नि में दहन करे  और कुंदन बन  जाये  और अगले दिन रंगों के साथ  घुल मिल कर अपने जीवन को रंगीन  कर ले  , खो जाइए  रंगों की  दुनिया में लाल ,नीला  गुलाबी पीला सभी रंग  कितने सच्चे  और कितने अच्छे  होते हैं ना ? सब का अपना अलग रंग अलग अंदाज  अलग पहचान  बिलकुल  हमारे आसपास के रिश्तों की तरह  जैसे हर रंग कुछ  कहता  है ठीक वैसे ही हर रिश्ता  भी कुछ  कहता  है बस जरुरत है उसे सुनने  की समझने की महसूस  करने की ,सभी साथ  मिल जाएँ तो सुन्दर इन्द्रधनुष  बन जाये  इक के बिना  दूसरे का कोई अस्तित्व  ही नहीं है ना?
इस होली  पर  ,अपने सभी पुराने रिश्तों को फिर से नए रंग  में . रंग दीजिये  और नए रिश्तों को  और गहरा  कर लीजिये  , किसी रूठे को मना  लीजिये किसी  सूखे पतझड़  से  चेहरे  पर मुस्कराहट  खिला कर उसे हरा  कर दीजिये   वियोग की दूरियों  से पीले  पड़ गए रिश्तों  को संयोग  के रंग से गुलाबी  कर दीजिये पिछले बरस  जो रंग आत्मीयता  की कमी से फीके पड़ गए थे  उन्हें चटक  नीला कर दीजिये
दोस्तों , रिश्ते हो या रंग  इनके बिना  जीवन रंगहीन  बदरंग  हो जाता  है और ये रिश्ते हमारे बैंक  लाकर में रखे बेजान  नोट या गहने नहीं है जिन्हें सिर्फ जरुरत के वक्त  याद किया जाये  ये रिश्ते  तो वो कोमल  पौधें  हैं जिन्हें  रोज ही आपके प्रेम के स्नेह के स्पर्श  की जरुरत होती है इसी छुअन से ये पल्लवित  होते हैं और यही रिश्ते हमारी जीने की वजह बन जाते हैं इस होली  पर  कोई रंग ना उड़े  कोई रिश्ता न मुरझाये  वरना  आप को पता  ही नहीं चलेगा  की कैसे कब और क्यों  कोई रंग आपसे रूठ  गया  उड़ गया चले गया इससे पहले की रिश्तों  में से प्यार का प्रेम का सुर्ख लाल रंग उड़  जाए आप उसे जाने ना दे
दोस्तों , होली तो सिर्फ बहाना है  बाजार में बिकने वाले  नकली  रंग हमारे  जीवन में  रंगीनियत  नहीं ला सकते  प्रेम का असली सुर्ख( लाल  )रंग आपके पास होना जरुरी है क्या आपकी रिश्तों पर गहरी पकड़  है ? क्या आपके दिल की हथेली  पर इसबार कोई लाल रंग ठहरा  है ?  नहीं है तो ढूंढ़ लीजिये  , दूर है तो बुला लीजिये .रूठा  है तो मना लीजिये और सारे जहां  से कह दीजिये ये लाल  रंग अब नहीं छोड़ेगा --------------

8 comments:

sagar se dr. sharma ने कहा…

ममता , बहुत सा स्नेह इतनी सी उम्र में इसी बड़ी बड़ी बाते करती हो की हैरान हूँ जितना अच्छा बोलती हो उतना ही अच्छा लिखती भी हो हर बात में हर चीज में तुम जीवन को खोज लिए जाती हो लिखती रहो

18 मार्च 2011 को 2:36 pm बजे
मंजुला ने कहा…

बहुत ही अच्छा लिखती हो ममता तुम ......तुम्हारे जीवन मे भी बहुत सारे रंग इस होली मे भरे यही चाहती हूँ .
शुभकामनायो सहित
मंजुला

18 मार्च 2011 को 3:24 pm बजे
सूर्य गोयल ने कहा…

ममता जी, पोस्ट के बारे में कुछ कहूँ उससे पहले तो शुक्रिया इस बात का हमेशा दुःख और गम पर लिखने वाली आपकी कलम ने आज होली और उसके रंगों की बात की. साथ ही साथ खुशियाँ और उमंग के साथ गम को बाहर का रास्ता दिखने की बात भी आपने इस पोस्ट में की. बहुत ही सुन्दर लेखन और बहुत ही अच्छी आपकी सोच. आपको व् आपके परिवार को गुफ्तगू की ओर से होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई.

18 मार्च 2011 को 4:09 pm बजे
संजीव शर्मा/Sanjeev Sharma ने कहा…

"रिश्ते हमारे बैंक लाकर में रखे बेजान नोट या गहने नहीं है जिन्हें सिर्फ जरुरत के वक्त याद किया जाये ये रिश्ते तो वो कोमल पौधें हैं जिन्हें रोज ही आपके प्रेम के स्नेह के स्पर्श की जरुरत होती है'.....बहुत बढ़िया क्या लिखती हो ..

18 मार्च 2011 को 8:03 pm बजे
रौशन जसवाल विक्षिप्त ने कहा…

पर्व पर इस रचना ने आनन्‍द विभोर कर दिया सच आपकी कलम में एक कशिश है। आपको और आपके परिवार को होली की मंगलकामनायें।

18 मार्च 2011 को 10:00 pm बजे
Ravi Rajbhar ने कहा…

Bahut-2 badhai...
bahut hi sunder post likhi hai aapne.
hamare angan me bhi padhare.

19 मार्च 2011 को 11:39 am बजे
Nina Sinha ने कहा…

Hi Mamta, I agree with Surya Goyal. While reading this post I also was thinking that for the first time your post is having a positive message and it talked not only about the colors of holi but also about the importance of human relationship. Very nicely written and thus it makes a very nice reading. Especially आज के दौर में, जब जिन्दंगी की आपा- धापी में लोग रिश्तों की अहमियत को भूलते जा रहे हैं , रिश्तों को समझने और समझाने की आपकी ये कोशिश बहुत ही कामयाब रही है ..ये तो लोगों के कमेंट्स से ही समझ में आता है .मैंने कहीं पढ़ा था की "सबसे आनंददायक रिश्ते वे हैं जिनमे बड़ा मेल है ,बड़ा झगड़ा है और फिर भी बड़ा प्यार है." .. Hope that your article should give some insight to all of us to understand the complexity of human relationship and to deal with it with lots of love, understanding & compassion.

21 मार्च 2011 को 7:36 pm बजे

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